सूर्य का खाना नं. 1 में उपाय
विवाह से पहले गाय को रोटी देना:
- यदि खाना 7 खाली है, तो विवाह से पहले गाय को रोटी दें।
- विवाह के बाद भी गाय को रोटी देते रहें और पत्नी को हर तरह से खुश रखें। इससे भाग्य के सितारे धन के मामले में ऊंचे रहेंगे। अक्सर शादी के बाद भाग्य में सुधार होता है।
स्त्री का स्वास्थ्य:
- सूर्य के प्रभाव से स्त्री अक्सर बीमार रहती है।
- यदि शुक्र का कारोबार है, तो वह भी प्रभावित रहेगा।
- खाना 7 में बुध की मदद से इस प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- स्त्री को सूर्य की उंगली में सोने के साथ पन्ना पहनाएं और स्वयं भी पहनें।
- गाय को हरा चारा (जैसे मटर, चना, खेसारी) खिलाएं, चाहे थोड़ा ही क्यों न हो।
तांबे का उपयोग:
- सूर्य खाना 1 में होने पर पूर्व दिशा में तांबे के पात्र में लाल पत्थर या ठोस लाल रंग का रक्त चंदन हल्दी की गांठ का बीज भूमि में दबाना फायदेमंद होगा।
- अनामिका में सोने के साथ मूंगा पहनना लाभकारी है।
अंगूठियों का संयोजन:
- अंगूठियों में बृहस्पति की उंगली में पुखराज, अनामिका में मूंगा, और बुध की उंगली में तांबे की या तांबे के साथ पन्ना पहनना अच्छा होता है।
मकान में तांबा, सोना और चांदी:
- मकान में पूर्व दिशा में तांबा, सोना, और चांदी का मिश्रण होना चाहिए।
- तांबे की गोल प्लेट में सोने और चांदी का टांका लगाकर उसे पूर्व दिशा के प्रवेश द्वार या दीवार में जड़ना चाहिए।
- तांबे के त्रिशूल में लाल रंग का पेंट करके दोनों बगल वाली नोक पर सोने या चांदी का टांका देकर लगाना भी अच्छा है।
- इसमें हनुमान जी का ध्वज लगाना और भी उत्तम है।
मंदिर में दान:
- मंदिर में दूध और बादाम का चढ़ावा देना और प्रसाद खाना शुभ रहेगा।
खाना 7 में सुधार:
- मकान में खाना 7 की जगह गाय, गौशाला, स्त्री और खेत में बुध की स्थिति स्थापित करना अच्छा है।
- नहीं तो शुक्र की गरम धूल उड़ेगी और इससे बदनामी के साथ-साथ शुक्र भी बर्बाद होगा।
शुक्र की बीमारी:
- यदि जातक को शुक्र की बीमारी है, विशेषकर जब मंगल भी खराब हो, तो सूर्य की वस्तुएं दान करें।
- बुध की स्थापना खाना 7 में करने के साथ हरी फलीदार वस्तुओं और रसदार फलों का सेवन करना उचित है।
- सूर्य और मंगल की वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि शुक्र के लिए सूखी दवा नुकसानदायक होगी।
- बेलपत्र, चांदी, चंद्रमा की वस्तुएं, और बुध की दवा (हरी पत्तियों से बनी) अधिक उपयोगी होंगी।
बुध की स्थापना:
- यदि शुक्र खाना 7 में है, तो बुध की स्थापना आवश्यक है, नहीं तो स्त्री गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकती है।
- यह जातक दिन में भी भोग करता है, जो स्त्री के लिए हानिकारक होता है।
मंगल का प्रभाव:
- यदि मंगल 5वें खाने में है, तो बुध और चंद्रमा की सहायता की आवश्यकता है, अन्यथा संतान का जन्म नहीं होगा, गर्भपात होगा, और यदि शुक्र 7 में हो, तो पत्नी की जान पर संकट आ सकता है।
- शुक्र और मंगल की मदद के लिए दक्षिण की ओर केला लगाना उत्तम होता है। इसे स्त्री और पुरुष दोनों को खाना चाहिए।
सूर्य के दोस्त ग्रहों की कमी:
- यदि सूर्य को दोस्त ग्रहों का सहयोग नहीं मिल रहा है और वह मंदा हो रहा है, तो पहले बताए गए उपाय (क्रमांक 5) करें।
- नहीं तो इससे व्यक्तित्व और प्रतिष्ठा में गिरावट आ सकती है और आत्महत्या की नौबत आ सकती है।
शनि का प्रभाव:
- यदि शनि 8 में हो, तो 43 दिन तक शनि का काला सुरमा शमशान की राख या मिट्टी के संपर्क में लाकर बहते पानी में प्रवाहित करें।
- शमशान में 43 दिन तक दूध-चावल से बनी मीठी खीर डालें।
ये उपाय सूर्य के पहले भाव के प्रभावों को संतुलित करने और जीवन में सुख और समृद्धि लाने में मदद कर सकते हैं।
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