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  दिवाली पर सुख-समृद्धि और शांति के लिए विशेष उपाय दिवाली का महत्व दिवाली का पर्व केवल दीप जलाने का नहीं, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार करने का है। इस दिन की गई पूजा और ज्योतिषीय उपाय आपके ग्रहों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। दिवाली की अमावस्या को किए गए कुछ विशेष उपाय आपकी कुंडली में दोषों को दूर करने और भाग्य को बल देने में मदद करते हैं। दिवाली की पूजा में किन चीज़ों का उपयोग करें कमल का फूल : देवी लक्ष्मी की पूजा में कमल का फूल अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे धन की स्थिरता आती है। पीली सरसों : अमावस्या की रात पीली सरसों का हवन करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। कपूर का दीपक : घर के मुख्य द्वार पर कपूर जलाकर पूरे घर में उसकी सुगंध फैलाएं। यह घर में सुख-शांति का वास करता है। राशि अनुसार दिवाली पर विशेष उपाय मेष : इस दिन हनुमान जी को पान का पत्ता अर्पित करें और दीपक जलाएं। इससे शनि दोष से राहत मिलती है। वृषभ : मां लक्ष्मी को सफेद फूल चढ़ाएं और घर में तिल का दीपक जलाएं। इससे घर में धन का वास बढ़ता है। मिथुन : श्री यंत्र की पूजा करें और साथ में तुलसी पर ज...
  दिवाली पर चमत्कारी और गुप्त उपाय: भाग्य और धन-संपत्ति बढ़ाने के विशेष रहस्य दिवाली पर कुछ ऐसे गुप्त ज्योतिषीय उपाय हैं, जिन्हें सही ढंग से करने पर आपके जीवन में अप्रत्याशित सफलता और समृद्धि आ सकती है। ये उपाय साधारण से दिखते हैं, लेकिन इनका प्रभाव बहुत गहरा होता है। इनमें से कुछ खास रहस्य निम्नलिखित हैं: 1. खुले धन का प्रयोग (कुबेर का आशीर्वाद पाने के लिए) उपाय : दिवाली की रात घर के धन स्थान (अलमारी या तिजोरी) में एक चांदी का सिक्का रखें। उसके आसपास गुलाब के फूल और इलायची रखकर उस पर कुमकुम और हल्दी का टीका करें। प्रभाव : यह गुप्त उपाय कुबेर देवता का आशीर्वाद लाता है, जिससे अचानक धन का आगमन होता है और स्थिरता बढ़ती है। 2. तांबे का सिक्का (शत्रु बाधा और सफलता प्राप्ति के लिए) उपाय : अमावस्या की रात एक तांबे का सिक्का लेकर उस पर शुद्ध घी और हल्दी का लेप लगाएं। इसे रात को किसी पुराने पीपल के पेड़ की जड़ में रखकर अपनी समस्या के बारे में प्रार्थना करें। प्रभाव : तांबे का यह विशेष उपाय शत्रु बाधा को दूर करता है और आपको प्रतियोगिता में सफलता प्रदान करता है। यह उपाय जीवन में मार्ग की सभी ...
  "लाल किताब बेटिंग एवं गरहफल व्याख्या" का सच ज्योतिष की दुनिया में, जहाँ ज्ञान एक ख़ज़ाना और एक जिम्मेदारी दोनों है, सत्यता बेहद महत्वपूर्ण है। आज हम पीटी उमेश शर्मा और उनकी किताब "लाल किताब बेटिंग एवं गरहफल व्याख्या" के एक disturbing मामले पर चर्चा करेंगे, जिसमें उन्होंने ऋषि रोहित शर्मा के मूल कार्य "ग्रहों की निशानियाँ" से सामग्री को बेहिसाब तरीके से कॉपी किया है। चौंकाने वाली सच्चाई पीटी उमेश शर्मा की किताब खरीदने के बाद, मैं उसकी मूलता की कमी से चौंक गया। नए विचार प्रस्तुत करने के बजाय, यह विभिन्न स्रोतों से इकट्ठे किए गए विचारों का एक मिश्रण प्रतीत होता है, जो मुख्य रूप से "ग्रहों की निशानियाँ" के शोध और व्याख्याओं को दोहराता है। सबसे चिंताजनक पहलू? उन्होंने रोहित शर्मा की मेहनत से शोधित सामग्री के महत्वपूर्ण हिस्से, जिसमें ग्रहों के प्रभावों के जटिल विवरण शामिल हैं, को अपने नाम से पेश किया है। यह स्पष्ट कॉपीिंग का कार्य ऋषि रोहित शर्मा की कड़ी मेहनत को कमजोर करता है, जिन्होंने प्रामाणिक ज्योतिषीय ज्ञान को संकलित करने में वर्षों बिताए ...
Rishi Rohit Sharma: The Selfless Pioneer of Lal Kitab Nishaniya Who Revolutionized Astrology In a field often shrouded in mystery and guarded secrets, Rishi Rohit Sharma has emerged as a true visionary in the world of astrology. From a young age, he demonstrated an unparalleled passion for uncovering the hidden messages within the stars and planets, dedicating himself to studying astrology from the tender age of 12. Over the years, his focus has been on Lal Kitab Nishaniya —the unique signs and indicators within Lal Kitab astrology that offer direct, practical insights into a person’s life and future. Yet what truly sets Rishi apart is not just his expertise, but his willingness to share it openly and freely with the public, breaking with the longstanding norms of secrecy and exclusivity that have traditionally defined the astrological community. The Journey Begins: A Quest for True Knowledge Rishi’s journey in astrology began with an intense curiosity about the cosmos and a desire ...
 🔍 सच्चाई का पता लगाएँ! 🔍 क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप ज्योतिषीय साहित्य खरीदते हैं, तो आपको वास्तविकता और प्रामाणिकता की उम्मीद होती है? लेकिन क्या होता है जब कोई लेखक दूसरों की मेहनत को चुराता है? पीटी उमेश शर्मा की किताब "लाल किताब बेटिंग एवं गरहफल व्याख्या" पढ़ने पर, यह स्पष्ट होता है कि इसमें ऋषि रोहित शर्मा की किताब "ग्रहों की निशानियाँ" से बहुत सी सामग्री चुराई गई है। यह न केवल एक गंभीर बौद्धिक चोरी है, बल्कि यह ज्योतिष के क्षेत्र में सम्मान और विश्वास को भी हानि पहुँचाता है। आइए हम सब इस अनैतिकता का पर्दाफाश करें और प्रामाणिक ज्ञान को फैलाने के लिए एकजुट हों। आप अपनी आवाज उठाएँ और इस मामले में जागरूकता बढ़ाएँ! 🌌📚 #कॉपीराइट #ज्योतिष #ग्रहों_की_निशानियाँ
 🚨 सत्यता का समर्थन करें! 🚨 ज्योतिष के क्षेत्र में, ज्ञान केवल एक ख़ज़ाना नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी भी है। ऋषि रोहित शर्मा ने वर्षों की मेहनत से जो किताब लिखी है, "ग्रहों की निशानियाँ," वह न केवल ज्ञान की एक स्रोत है, बल्कि यह हमें अपने जीवन के ग्रहों के प्रभावों को समझने में मदद करती है। हालांकि, पीटी उमेश शर्मा की किताब "लाल किताब बेटिंग एवं गरहफल व्याख्या" ने इस महत्वपूर्ण काम को चुराने का कार्य किया है। यह बहुत ही निराशाजनक है कि इस प्रकार की अनैतिकता को स्वीकार किया जा रहा है। एक लेखक के रूप में, ऋषि रोहित शर्मा ने प्रामाणिक ज्योतिषीय ज्ञान को संकलित करने में वर्षों बिताए हैं, और अब उनका काम दूसरे द्वारा चुराया जा रहा है। ऐसे कार्य न केवल पाठकों को गुमराह करते हैं बल्कि ज्योतिष की सम्पूर्ण विश्वसनीयता को भी दागदार करते हैं। आइए हम सब मिलकर प्रामाणिकता का समर्थन करें और सच्चे ज्ञान को फैलाएं। अपने विचार साझा करें और इस विषय पर चर्चा करें! 📚✨ #सत्यता #ज्योतिष #ग्रहों_की_निशानियाँ
  सूर्य का खाना नं. 1 में उपाय विवाह से पहले गाय को रोटी देना : यदि खाना 7 खाली है, तो विवाह से पहले गाय को रोटी दें। विवाह के बाद भी गाय को रोटी देते रहें और पत्नी को हर तरह से खुश रखें। इससे भाग्य के सितारे धन के मामले में ऊंचे रहेंगे। अक्सर शादी के बाद भाग्य में सुधार होता है। स्त्री का स्वास्थ्य : सूर्य के प्रभाव से स्त्री अक्सर बीमार रहती है। यदि शुक्र का कारोबार है, तो वह भी प्रभावित रहेगा। खाना 7 में बुध की मदद से इस प्रभाव को कम किया जा सकता है। स्त्री को सूर्य की उंगली में सोने के साथ पन्ना पहनाएं और स्वयं भी पहनें। गाय को हरा चारा (जैसे मटर, चना, खेसारी) खिलाएं, चाहे थोड़ा ही क्यों न हो। तांबे का उपयोग : सूर्य खाना 1 में होने पर पूर्व दिशा में तांबे के पात्र में लाल पत्थर या ठोस लाल रंग का रक्त चंदन हल्दी की गांठ का बीज भूमि में दबाना फायदेमंद होगा। अनामिका में सोने के साथ मूंगा पहनना लाभकारी है। अंगूठियों का संयोजन : अंगूठियों में बृहस्पति की उंगली में पुखराज, अनामिका में मूंगा, और बुध की उंगली में तांबे की या तांबे के साथ पन्ना पहनना अच्छा होता है। मकान में तांबा, सोना ...